Everything about Shiv chaisa
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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
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नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
बृहस्पतिदेव की कथा
स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
देवन जबहीं जाय shiv chalisa in hindi पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥